21 जीबी तक की फाइल मिनटों में भेज सकते हैं
जीमेल और याहू
जैसी मेल
सेवाओं ने
फाइल, वीडियो
या जरूरी
डॉक्यूमेंट भेजना आसान तो किया
है लेकिन
बड़े साइज
की फाइल
इनके माध्यम
से भेजी
नहीं जा
सकती है।
जीमेल से
25 एमबी तक
की फाइल
भेजी जा
सकती है।
इससे बड़ी
फाइल के
लिए गूगल
ड्राइव का
इस्तेमाल करना
पड़ता है,
जिसमें बहुत
टाइम लगता
है। इंटरनेट
पर कई
ऐसे माध्यम
हैं जिनके
द्वारा बड़ी
आसानी से
बड़ी फाइलें
भेजी जा
सकती हैं।
इन साइटों
के जरिए
21 जीबी तक
की फाइल
मिनटों में
भेजी जा
सकती है।
70 सेकेंड में अपलोड होगी एक जीबी की फाइल : फाइलमेल डॉट कॉम
( Filemail) के जरिए 15 एमबी
साइज की
फाइल को
एक सेकेंड
में अपलोड
किया जा
सकता है।
यानि डेढ़
घंटे की
औसत क्वालिटी
की फिल्म
को अपलोड
करने में
सिर्फ 50 सेकेंड
का समय
लगेगा। एक
जीबी की
फाइल को
लगभग 70 सेकेंड
में अपलोड
किया जा
सकता है।
‘प्लस ट्रांसफर’(Plustransfer)
पर बिना
अकाउंट बनाए
21 जीबी तक
की फाइल
भेज सकते
हैं। इसी
तरह फाइल्सटूफ्रेंड्स
(Filestofriends) नाम की वेबसाइट
से पांच
जीबी की
फाइल भेजी
जा सकती
है।
कैसे करें इस्तेमाल
बड़ी फाइल
भेजने वाली
अधिकतर वेबसाइटों
पर बिना
अकाउंट बनाएं
डाटा भेजा
जा सकता
है। इन
पर जाने
के बाद
उस व्यक्ति
का ईमेल
एड्रेस देना
होगा जिसे
फाइल भेजनी
है। उसके
बाद सीधे
फाइल अपलोड
कर सकते
हैं। फाइल
के अलावा
अपना मैसेज
और ईमेल
एड्रेस भी
दे सकते
हैं।
एक बार फाइल
अपलोड होने
के बाद
ये साइट
खुद ही
उस व्यक्ति
को मेल
भेज देती
हैं जिनका
ईमेल वेबसाइट
को सबमिट
किया है।
उस व्यक्ति
को मेल
में एक
यूआरएल लिंक
मिलेगा जहां
से वह
सारी फाइलें
डाउनलोड कर
सकता है।
यह प्रक्रिया
इतनी आसान
है कि
इससे मिनटों
में कैसी
भी फाइल
भेज सकते
हैं।
क्लाउड के माध्यम से भेजी जाती हैं बड़ी फाइलें
ये वेबसाइट बड़ी
फाइलें भेजने
के लिए
क्लाउड सेवा
का इस्तेमाल
करती हैं।
फाइल अपलोड
होने के
बाद साइट
के क्लाउड
सर्वर पर
सेव हो
जाती हैं।
इसके बाद
भेजी गई
फाइल का
एक यूआरएल
लिंक तैयार
होता है,
जो ईमेल
में भेजा
जाता है।
जिस व्यक्ति
को फाइल
भेजी गई
है वह
लिंक पर
जाकर भेजे
गए डाटा
को डाउनलोड
कर सकता
है। यह
लिंक एक
निर्धारित समय पर एक्टिव रहता
है। ज्यादातर
में यह
समय सात
दिन है।
सुरक्षा की
वजह से
वेबसाइट सात
दिन बाद
अपलोड हुईं
फाइलों को
अपने क्लाउड
सर्वर से
डिलीट कर
देती हैं।
फोन में एप से शेयर करें
स्मार्टफोन में एप
के जरिए
बड़ी फाइलें
जैसे एप्लीकेशन,
फिल्म, फोटो
आदि भेज
सकते हैं।
आमतौर पर
लोग गाना,
फोटो या
वीडियो शेयर
करने के
लिए ब्लूटूथ
का इस्तेमाल
करते हैं।
इन एप
के जरिए
ब्लूटूथ पर
भी तेजी
से फाइलें
साझा की
जा सकती
हैं। इसके
लिए कई
खास एप
हैं। इनमें
सुपरबीम, शेयरइट,
बॉक्स और
‘शेयरएप’ जैसी
एप्लीकेशन शामिल हैं।
खास वेबसाइट
www.filemail.com
www.filestofriends.com
www.plustransfer.com
www.dropsend.com
www.wetransfer.com
21 जीबी तक की फाइल मिनटों में भेज सकते हैं
Reviewed by yogesh
on
1:18:00 AM
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5 comments:
डीयर, अभी मुंबई के बारे में आपने लú भिवष्य में आपको दल्ली नोएडा और फरीदाबाद और गुड़गांव के बारे में क्या कहेंगे। हिरयाणा में कुलदीप बश्नोई ने भी बाहिरयों को भगाओ की राजनीत शुरू कर दी है। जब देश का वकास एक तरफा होगा तो यही हाल होगा। लोकतंत्र ने केवल आजादी ही तो दी है। सो सब Ÿæसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
संयम श्रीवास्तव, नवभारत टाइम्स
bala saheb wahi kar rahe hai, jo woh kar sakte hai, jisne jindagi bhar nafarat ki rajniti ki usse budape me aman ki aasa karna bekar hai, yah hamare des ki bidambna hai ki pair kabra me pade ho tab tak yaha ke neta politics karte rahte hai, bala saheb ko aaise hi makxh milega dost,
बात सिर्फ बाल ठाकरे तक ही सीमित नहीं है। शीला दीक्षित से लेकर कुलदीप बिश्नोई और असम से लेकर बंबई तक ऐसे लोगों की लाइन लगी हुई है। हर किसी को समझना चाहिए कि देश विकास के टापु बना दिए गए हैं। अब लोगों की यह मजबूरी है कि वे अगर दिल्ली और बंबई जैसे शहरों में नहीं जाएं तो क्या करें। इस पर कोई बात करने को तैयार नहीं है। अगर बिहार और उत्तर उत्तर प्रदेश की कीमत पर दिल्ली और बंबई चमक रहे हैं, और ये बात किसी से छिपी हुई नहीं है। अगर किसी को बाहरी लोगों से दिक्कत है तो यह केंद्र की जिम्मेदारी बनती है वह ऐसे लोगों को अपनी औकात बताएं। साथ में देश के सभी हिस्सों में संसाधनों का समान वितरण कर दें।
aapki bat vajandar hai. lekin agar ye log moh me bandhe nahi hote to achchhe aur bure me fark kaise hota. har insan vaisa hi aachran karta hai jaisa usko virasat me mila hai. bal thakre ne apne ghar ka nas kar liya hai. lekin samsya ye hai ki aise longo ke karan sab paresan hote hain. lekin aise na jane kitne log aaye aur chhale gaye.
kahte hai ki bhudapa aur bhacpan ek saman hotey hain. shayad baal thakray ke case me bhi yahi baat saaf jhalak rahi hai. aapne bilkul uchit aur nispaksh likha hai. lekin baala saheb ko shayad is baat se koi sarokar nahi hai ki wo jo kar rahe hai apne hi kiye karaye par pani fer rahe hai.
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