स्मार्टफोन को हाइजैक कर पासवर्ड चुरा सकती हैं थर्ड पार्टी एप
अगर आप स्मार्ट फोन का इस्तेमाल
ट्रेन रिजर्वेशन, मूवी टिकट बुकिंग, शॉपिंग, फोन रीचार्ज, वॉयस कॉल के साथ-साथ रुपये
के लेन-देन में भी कर रहे हैं तो कोई भी एप डाउनलोड न करें, खासकर थर्ड पार्टी एप को
लेकर तो अतिरिक्त सावधानी बरतें। क्योंकि कुछ एप्लीकेशन ऐसी हैं जो एक बार फोन में
डाउनलोड हो गईं तो बैंक अकाउंट नंबर से लेकर पासवर्ड तक चुरा लेती हैं।
थर्ड पार्टी एप से हाईजैकिंग का खतरा
एंड्रॉयड यूजर के लिए सबसे बड़ा खतरा
थर्ड पार्टी एप हैं। हैकर इन एप के जरिए फोन को हाईजैक कर लेते हैं। नेटवर्क सिक्योरिटी
पर काम करने वाली कंपनी ‘पालो आल्टो’ के मुताबिक हैकर खतरनाक थर्ड पार्टी एप से एंड्रॉयड डिवाइस
को कब्जे में ले सकते हैं। तकरीबन 50 फीसदी डिवाइस इनसे प्रभावित हो सकती हैं, क्योंकि
वे अपडेट ओएस पर काम नहीं कर रही हैं। थर्ड पार्टी एप वे एप हैं जो
फोन में मौजूद ऑपरेटिंग सिस्टम के प्ले स्टोर पर मौजूद नहीं होती हैं। एंड्रॉयड फोन
में गूगल प्ले के अलावा भी एप डाउनलोड करने की सुविधा है।
गूगल ने भी स्वीकारा खतरा
गूगल ने खुद स्वीकार किया है कि 50 लाख एंड्रॉयड डिवाइसों में खतरनाक वायरस दाखिल हो सकते हैं। इसी
साल तीन ऐसी एप पकड़ी गई हैं जो फोन में खतरनाक वायरस भेजती थीं। इनमें एक एप तो 50
लाख से अधिक बार डाउनलोड हुई है। इन एप के जरिए फोन में आने वाला वायरस बेहद खतरनाक
है। इससे फोन अजीब हरकत करने लगता है। आपके नंबर से प्रीमियम नंबर पर मैसेज भेजे जाने
शुरू हो जाते हैं जिसमें हर एसएमएस के लिए आपका बैलेंस कटता है। इन एप में एक गेम एप
‘डुरक’ थी।
दूसरी एप ‘आईक्यू टेस्ट’ और तीसरी इतिहास संबंधी एप ‘हिस्ट्री’ थी। वहीं, पिछले साल पूरी दुनिया
में 1.6 करोड़ फोन खतरनाक वायरस से प्रभावित थे। अधिकतर वायरस एप के रूप में फोन में
दाखिल होते हैं।
क्या होता है फोन हाईजैक होने के बाद
खतरनाक एप फोन में दूसरी एप को भी बिना पूछे डाउनलोड करना शुरू कर देती हैं।
ये इन्हें एसडी कार्ड में सेव करती है ताकि यूजर की पकड़ में न आए। फोन के मैसेज से
लेकर बैंक के वनटाइम पासवर्ड को ये हैकर के पास भेज देती हैं। खतरा गूगल प्ले पर भी है: गूगल
प्ले पर भी एक फीसदी एप में वायरस के अटैक का खतरा है। 2012 में तो यहां पर एक लाख
एप ऐसी थीं जो निजी जानकारी देख सकती थीं और उन्हें हैकर को भेज सकती थीं।
फ्लैश लाइट एप की भी खुली पोल
फोन में टॉर्च का काम करने वाली
फ्लैश लाइट एप का इस्तेमाल तो आपने किया होगा। आपको हैरानी होगी कि ये प्राइवेसी के
लिए बेहद खतरनाक हैं। ये एप खतरनाक मैलवेयर को फोन में इंस्टॉल करती हैं। फोन में अनचाहे
विज्ञापन दिखने लगते हैं। गलती से भी इन पर क्लिक हो जाए तो अन्य खतरनाक एप खुद फोन
में डाउनलोड हो जाती हैं।
कैसे करें बचाव ?
फोन में एप डाउनलोड करने से पहले
इसके द्वारा इस्तेमाल करने वाली परमिशन को चेक कर लें। 2013 में 31% एप ऐसी थीं जो
फोन नंबर और कॉल डिटेल की जानकारी रखती थीं, नौ फीसदी को ऐसी परमिशन थी कि वे ऑनलाइन
मनी में सेंध लगा सकती थीं। फोन मैलवेयर से ग्रस्त या नहीं? यह जानने के लिए गूगल प्ले
से ‘इंस्टॉलर हाईजैकिंग स्कैनर’ एप डाउनलोड कर लें। यह फोन में थर्ड पार्टी एप से आने
वाले मैलवेयर की स्कैनिंग करता है।
स्मार्टफोन को हाइजैक कर पासवर्ड चुरा सकती हैं थर्ड पार्टी एप
Reviewed by yogesh
on
12:22:00 PM
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