रचनात्मक आइडिया के लिए रुपयों की कमी नहीं होगी

क्राउड फंडिंग की प्रमुख साइट                                 

www.kickstarter.com
www.indiegogo.com/
www.wishberry.in
www.start51.com
www.igniteintent.com
www.bitgiving.com

रचनात्मक आइडिया है, लेकिन पैसों की कमी के कारण सिरे नहीं चढ़ पा रहा है या रुपयों की कमी के कारण कोई इनोवेटिव प्रोजेक्ट बीच में छूट रहा है तो धन जुटाने का एक रास्ता क्राउडफंडिंग भी है।
इंटरनेट पर क्राउड फंडिंग के माध्यम से मदद करने वाली कई कंपनियां मौजूद हैं। ये प्रोजेक्ट के लिए पैसा इकट्ठा करती हैं। ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं, जिन्होंने इस माध्यम से अपने सपने पूरे किए।

शूटर ने ट्रेनिंग के लिए जुटाए पैसे


ग्लास्गो कॉमनवेल्थ में कांस्य पदक जीतने वाली मुंबई की शूटर आयोनिका पॉल विदेश में ट्रेनिंग लेने के लिए रुपयों का जुगाड़ नहीं कर पा रही थीं। उसने क्राउडफंडिंग के माध्यम से ही यह रकम जुटाई और कॉमनवेल्थ गेम्स में परचम लहराया। वहीं कन्नड़ फिल्मकार पवन कुमार ने सामाजिक मुद्दे पर बनी ‘लुसिया फिल्म के लिए 10 दिन में करीब 51 लाख रुपये इसी माध्यम से जुटाए। वहीं भोजपुरी फिल्म ‘नया पता  बनाने के लिए छपरा बिहार के पवन श्रीवास्तव ने करीब 11 लाख रुपये क्राउडफंडिंग से जुटाए।
भारतीय क्राउड फंडिंग साइट विशबेरी पर अपने डेब्यू एलबम के लिए जैसलमेर के मेम खान ने लगभग तीन लाख की रकम जुटाई। दुनिया की सबसे मशहूर साइट ‘किकस्टार्टर  ने फिल्म, म्यूजिक, खेती, स्टेज शो के 63 हजार प्रोजेक्टों के लिए 25 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिससे 40 हजार लोगों को फायदा हुआ है।

फ्री में बनाएं अकाउंट


किकस्टार्टर और विशबेरी जैसी क्राउड फंडिंग कंपनियों की अपनी वेबसाइट हैं जहां कोई भी फ्री में अकाउंट बना सकता है।
इसके बाद अपने प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से बताना होगा। प्रोजेक्ट से संबंधित एक छोटी वीडियो भी अपलोड करनी पड़ेगी। इसके बाद प्रोजेक्ट की समय सीमा भी बतानी होगी। समय पर काम पूरा न हुआ तो जमा की गई रकम नहीं मिलेगी। प्रोजेक्ट पूरा होने पर ये कंपनियां कुल जमा हुई धन राशि का पांच फीसदी शुल्क इसी फंड से लेती हैं।

भारतीय आईस हॉकी टीम ने जुटाए कुवैत जाने के पैसे


हाल में ही भारतीय आईस हॉकी टीम ने कुवैत जाने के एकभारतीय क्राउडफंडिंग साइट पर लोगों से साढ़े तीन लाख रुपये चंदा देने की अपील की थी। नौ दिन के अंदर टीम के लिए पांच लाख से ज्यादा की रकम जमा हो गई। पिछले साल दुनियाभर में 620 अरब रुपये इसी माध्यम से इकट्ठा किए गए थे। थ्रीर्डी ंप्र्रंटग पेन और क्रेयस स्मार्टवॉच क्राउडफंडिंग की ही देन हैं।


रचनात्मक आइडिया के लिए रुपयों की कमी नहीं होगी रचनात्मक आइडिया के लिए रुपयों की कमी नहीं होगी Reviewed by yogesh on 4:40:00 PM Rating: 5

3 comments:

rabindra said...

apne to dil ka dard nikal kar rakh diya hai.

arvind said...

Sir... kha to bhool gye the ki hum bhi isi prajati se taluk rakhte hain, bt aap se fir yaad dila diya.. ab kuch din aur sochte huye bitenge...

कुमार said...

bhiayya iska mere paas seedha aur sateek jawaab hai. darasal ptrakar aaj khud apne peshe se imaandaari nahi barat-te hain. patrkaaro ki garima aur chavi patrakar bandhuon ne hi kharab ki hai. isliye ladki ka baap ho ya ladke ka jaroor bhadkega. baaki rahi tution padhane ya fir kuch kamane ki baat to jisne pet diya hai wo khane ka bhi bandobast kar deta hai. baaki jeebh ke upar depend karta hai ki use kaisa swaad pasand hai.

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